
रायपुर। धरसींवा का गोदावरी पॉवर एंड इस्पात प्लांट शुक्रवार को मौत का गवाह बना। प्लांट के पेलेट यूनिट में मशीन का हॉफर गिरा और 8 से अधिक मजदूर लोहे के मलबे में दब गए। लेकिन सवाल यह है – क्या यह सिर्फ एक “दुर्घटना” थी? मजदूरों के परिजन जब फैक्ट्री पहुंचे, तो प्रबंधन ने उन्हें अंदर तक जाने नहीं दिया। मलबा हटाने का काम देर रात तक चलता रहा, जबकि मृतकों की पहचान भी नहीं हो पाई। यह पूरी घटना फैक्ट्री प्रबंधन की सुरक्षा नियमों की अनदेखी और जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने की कहानी कहती है। मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, यह अत्यंत दु:खद और पीड़ादायक घटना है।
धरसींवा इलाके में गोदावरी पॉवर एंड इस्पात प्लांट में शुक्रवार को ऐसा हादसा हुआ जिसने सुरक्षा नियमों की खुली अवहेलना उजागर कर दी। प्लांट के पेलेट यूनिट में लोहे के मलबे को हटाते समय मशीन का हॉफर गिर गया और 8 से अधिक मजदूर लोहे के नीचे दब गए। घटना में फैक्ट्री प्रबंधन की भारी लापरवाही साफ़ दिख रही है। मजदूरों के परिजन जब फैक्ट्री पहुंचे तो उन्हें अंदर तक जाने की अनुमति नहीं दी गई। जबकि प्लांट में काम कर रहे मजदूरों में कई दूसरे राज्यों से आए थे, उनकी सुरक्षा और जीवन की चिंता प्रबंधन ने बिल्कुल नहीं की। लेकिन सवाल यह है – क्या यह सिर्फ एक “दुर्घटना” थी?
मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, यह अत्यंत दु:खद और पीड़ादायक घटना है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है।





