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सिवनी पुलिस पर हवाला राशि लूट का आरोप: CSP पूजा पांडे निलंबित

मध्य प्रदेश। एमपी  के सिवनी जिले में पुलिसकर्मियों पर हवाला की 1.45 करोड़ रुपये की राशि लूटने का गंभीर आरोप लगा है, जिसके बाद CSP पूजा पांडे को DGP कैलाश मकवाना ने तत्काल निलंबित कर दिया। चेकिंग के दौरान कार से बरामद नकदी का बड़ा हिस्सा गायब होने की शिकायत पर IG प्रमोद वर्मा ने 9 अन्य पुलिसवालों को भी सस्पेंड किया था और जांच शुरू की थी।

सिवनी जिले के बंडोल थाना इलाके में 8 अक्टूबर 2025 की देर रात एक ऐसी घटना घटी, जिसने पुलिस विभाग की छवि पर ही सवाल खड़े कर दिए। कटनी से महाराष्ट्र के जालना जा रही एक कार में हवाला की मोटी रकम होने की टिप मिली थी। NH-44 पर शीलादेही बायपास के पास SDOP पूजा पांडे की अगुवाई में बंडोल थाना प्रभारी अर्पित भैरम और उनकी टीम ने वाहन रोका। तलाशी में कार सवार सोहनलाल परमार और उनके साथी से करीब 1.45 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए, जो नागपुर ले जाए जा रहे थे। लेकिन इसके बाद का कांड चौंकाने वाला था। इस मामले में आरोप है कि पुलिसवालों ने ड्राइवर व साथियों को जमकर पीटा, धमकियां दीं और राशि का आधा से ज्यादा हिस्सा हड़प लिया। पीड़ितों का दावा है कि कुल 2.96 करोड़ रुपये थे, लेकिन सिर्फ आधे की ही जब्तगी दर्ज की गई। ड्राइवर को पीट-पीटकर भगा दिया गया। अगले दिन 9 अक्टूबर को पीड़ितों ने सिवनी एसपी सुनील मेहता के पास शिकायत की। एसपी मेहता और जबलपुर आईजी प्रमोद वर्मा ने तुरंत संज्ञान लिया। आईजी वर्मा ने बंडोल टीआई अर्पित भैरम समेत 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। जांच के लिए एसएसपी आयुष गुप्ता को तीन दिनों में पूरी रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया गया। प्रारंभिक जांच में CSP पूजा पांडे की भूमिका सबसे ज्यादा संदिग्ध पाई गई। चेकिंग उनके नेतृत्व में हुई थी। आईजी ने कहा कि पूरी रकम की सच्चाई जांच में ही सामने आएगी। इस मामले के तूल पकड़ते ही पुलिस मुख्यालय ने कमान संभाली। DGP कैलाश मकवाना ने सख्ती दिखाते हुए CSP पूजा पांडे के खिलाफ निलंबन का आदेश जारी कर दिया। आदेश में स्पष्ट लिखा है: “8 अक्टूबर 2025 को NH-44 शीलादेही बायपास सिवनी में चेकिंग के दौरान बरामद राशि से जुड़े गंभीर कदाचार और प्रथम दृष्टया संदिग्ध व्यवहार के कारण तत्काल निलंबित किया जाता है। इस मामले में अब तक 10 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है, जिसमें पूजा पांडे भी शामिल हैं। निलंबन अवधि में उन्हें भोपाल के पुलिस मुख्यालय से जोड़ा गया है।”

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