खजूरी नदी से धड़ल्ले से उठ रही रेत, जिम्मेदारों की चुप्पी पर उठे सवाल।

सिंगरौली। जिले में रेत माफियाओं का बोलबाला इन दिनों चरम सीमा पर है। प्रशासन और खनिज विभाग जहां यह दावा करते नहीं थकते कि जिले में अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। वहीं ज़मीनी हकीकत इन दावों की पोल खोल रही है। खजूरी नदी से खुलेआम ट्रैक्टरों के ज़रिए रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार सिंगरौली मे दिन में शांत मगर रात ढलते ही खजूरी नदी का मंजर बदल जाता है। ट्रैक्टरों की घरघराहट लोड होती रेत और अंधेरे में चलती चांदनी के बीच रेत माफियाओं का खेल खुलेआम जारी है। जिला प्रशासन और खनिज विभाग के दावे सिर्फ कागज़ों में चमक रहे हैं। ज़मीन पर रेत की परतें सच्चाई बयां कर रही हैं। रात के सन्नाटे में जब लोग अपने घरों में चैन की नींद सो रहे होते हैं। तभी खजूरी नदी किनारे ट्रैक्टरों की गड़गड़ाहट गूंजती है। सुबह होते-होते सड़कों पर बिखरी रेत इस गैरकानूनी कारोबार की गवाही देती है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सब प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है। लेकिन अधिकारी मौन हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि या तो जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने में नाकाम हैं या फिर माफियाओं को खुला संरक्षण मिला हुआ है। खजूरी नदी से निकली रेत हिरवाह होते हुए मुख्यालय की ओर रवाना हो रही है। लेकिन कहीं कोई रोकटोक नहीं है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस पर शीघ्र कठोर कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए तो न केवल नदियाँ बर्बाद होंगी बल्कि पर्यावरणीय संतुलन पर भी गंभीर असर पड़ेगा।





