न्यूजमध्य प्रदेश

शासन ने बंद किए चेक पोस्ट, अब भी जारी बुलेरो वसूली गैंग की मनमानी।

सिंगरौली। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर में चेक पोस्ट व्यवस्था को समाप्त किए जाने के आदेश के बावजूद सिंगरौली जिले में अवैध वसूली का खेल अब भी बदस्तूर जारी है। करोटी, खनहना, जयंत और विंध्यनगर जैसे क्षेत्रों में एक कथित बुलेरो गैंग 24 घंटे सक्रिय है जो की ट्रक चालकों से खुलेआम गर्ग और चेक पोस्ट प्रभारी के नाम पर उगाही कर रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार ने जब 1 जुलाई 2024 से सभी अंतरराज्यीय चेक पोस्ट को बंद करने का ऐलान किया तो सोचा गया कि अब ट्रांसपोर्ट व्यवसाय थोड़ी राहत की सांस ले सकेगा। मगर सिंगरौली ज़िले में तस्वीर उलटी है यहां बुलेरो गैंग नाम की फर्ज़ी सत्ता ने सड़कों पर नया चेक पोस्ट तंत्र खड़ा कर दिया है। राज्य शासन द्वारा 01 जुलाई 2024 से प्रदेश की सभी अंतरराज्यीय परिवहन जांच चौकियों (Check Posts) को बंद करने का आदेश जारी किया गया था। आदेश क्रमांक: 925/1429257/2023/आठ, दिनांक 30 जून 2024 जिसके अनुसार चेक पोस्ट संचालन की संपूर्ण व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी। लेकिन सिंगरौली जिले में यह आदेश जमीन पर कहीं लागू होता नहीं दिख रहा। स्थानीय ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों और ट्रक चालकों के अनुसार सड़कों के किनारे बुलेरो गाड़ियां खड़ी रहती हैं। जब भी कोई मालवाहक ट्रक गुजरता है तो उन्हें रोका जाता है और चेक पोस्ट शुल्क के नाम पर नकद वसूली की जाती है। ट्रक ड्राइवरों का दावा है कि यह सब धौंस और फर्जी अधिकार दिखाकर किया जाता है जबकि इनका कोई आधिकारिक अस्तित्व नहीं है। स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने कई बार इस मामले की शिकायत जिला प्रशासन, पुलिस अधीक्षक और परिवहन विभाग तक पहुंचाई। लेकिन अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय सामाजिक संगठनों, ट्रक यूनियनों और नागरिकों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, परिवहन आयुक्त ग्वालियर, और सिंगरौली कलेक्टर से मांग की है कि करोटी, जयंत और खनहना क्षेत्रों में सक्रिय अवैध वसूलीकर्ताओं पर तत्काल छापेमारी की जाए। शासन के आदेशों का पालन सुनिश्चित कराया जाए। दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई हो। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर शासन अब भी आंख मूंदे रहा तो सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त परिवहन की नीति केवल जुमला बनकर रह जाएगी।
यह मामला सिर्फ अवैध वसूली का नहीं बल्कि शासन व्यवस्था को चुनौती देने वाला एक उदाहरण बनता जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Back to top button