जवाबदेही की नई परिभाषा लिख रहे हैं सीएम मोहन यादव, 19 अफसरों पर गिरी गाज, 3 निलंबित

भोपाल। मध्यप्रदेश में जवाबदेही और सुशासन को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बार फिर प्रशासनिक सख्ती दिखाई है। गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन से हुई समाधान ऑनलाइन समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने प्रदेशभर के 19 अधिकारियों और कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की, वहीं 3 कर्मचारियों को निलंबित करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि “जनता के कार्यों में लापरवाही करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सरकार का लक्ष्य सुशासन और जवाबदेही है।”
मध्यप्रदेश में सुशासन अब सिर्फ नारा नहीं, सरकार की नीति बन चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को फिर यह साबित कर दिया कि जनता के काम में देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन से हुई समाधान ऑनलाइन समीक्षा बैठक में सीएम ने प्रदेशभर के 19 अधिकारियों-कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की, जबकि 3 कर्मचारियों को तत्काल निलंबित करने के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायतों का तेज़, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण निराकरण हर अधिकारी की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन जिलों में शिकायतें कम होंगी, वहाँ के कर्मचारियों को सम्मान और प्रोत्साहन दिया जाएगा, जबकि शिकायतें अधिक मिलने पर सख्त कार्रवाई तय है।
अनूपपुर में पंचायत सचिव निलंबित किया गया। रीवा में नागरिक आशीष बहेलिया की लैपटॉप राशि का तत्काल भुगतान कराया गया। मंदसौर में प्रतिभा प्रोत्साहन योजना की राशि में देरी पर अफसरों की जवाबदेही तय हुई। डिंडोरी में बैंक कर्मचारियों की लापरवाही पर एक्शन के निर्देश दिए गए, जबकि मैहर में एक महिला की समग्र आईडी गलत लिंक होने पर चार कर्मचारियों की सैलरी काटी गई। जबलपुर में जननी सुरक्षा योजना की राशि में देरी पर तीन कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई। डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार का हर कदम जनता की सुविधा और पारदर्शिता की ओर है।





