आदि कर्मयोगी अभियान अंतर्गत जिला पंचायत सभागार में तीन दिवसीय कार्यशाला का हुआ शुभारंभ।

सिंगरौली। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्देशानुसार आदि कर्मयोगी अभियान का आरंभ किया गया है। इस अभियान में राष्ट्रीय मिशन विशेष रूप से पीएम-जनमन और धरती आबा योजना के माध्यम से जमीनी स्तर जनजातीय वर्ग में आमूलचूल परिवर्तन लाना है। शासन के सभी स्तरों पर एक कैडर विकसित करना, विभिन्न विभागों के मध्य एकीकरण (कन्वर्जेस), जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण एवं विकास हेतु आदि सहयोगियों के समूहों का निर्माण, तथा आधारभूत आवश्यकताओं की पहचान करने के साथ ही सभी महत्वपूर्ण सेवाओं की संतृप्ति (सेचुरेशन) करना इस अभियान का लक्ष्य है।
जिले में आदि कर्मयोगी अभियान के तृतीय चरण के तहत विकासखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनर बीएलएमटी की तीन दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का जिला पंचायत सिंगरौली के सभागार में आरंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर श्री चन्द्र शेखर शुक्ला के द्वारा भगवान बिरसा मुंडा को माल्यार्पण अर्पण तथा दीप प्रज्वलित कर किया गया।किया गया। कार्यशाला में अभियान में सलग्न एनजीओ समग्र ग्राम सुधार समिति तथा नागरिक समाज संगठन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर श्री शुक्ला ने उपस्थित एनजीओ के प्रतिनिधियो तथा मास्टर ट्रेनरो को संबोधित करते हुयें कहा कि हमारे प्रदेश एवं जिले में आदिवासी समुदायक की बड़ी आबादी निवास करती है लकिन आज भी आदिवासी बस्तिया एवं ग्राम सरकार द्वारा दी जा रही मूलभूत सुविधाओ से वंचित है। और समाज की मुख्यधारा से पूरी तरह से जुड़ नही पाये है। उन्होने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान के माध्यम से गावो में जाकर ग्रामीणो के सहभागीता के साथ प्रमुखता के आधार पर मूलभूत सुविधाओ को चिन्हित कर उनकी पूर्ति की जायेगी।उन्हाने कहा कि अभियान के माध्यम से आदिवासी अपने ग्रामो के विकास के लिए स्वंय अपनी भूमिका सुनिश्चित करेगे। कलेक्टर ने कहा कि गावो में जब शासन की जन कल्याणकारी योजनाओ का शत प्रतिशत क्रियान्वन होगा तभी अभियान सफल हो सकेगा। जिसके लिए हमे पूरी कर्मठता के साथ कार्य करना होगा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह नागेश ने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में विकास पहलों को बढ़ावा देना और शासन को अधिक प्रभावी बनाना है। इस अभियान के तहत जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो आगे चलकर आदि कर्मयोगियों को प्रशिक्षित करेंगे और जनजातीय समुदायों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे ।उन्हाने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से विकासखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनरों को आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें। इस पहल से निश्चित ही जनजातीय क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी और स्थानीय समुदायों को उनके अधिकारों और संसाधनों के बारे में जागरूक किया जा सकेगा।





