मप्र में इंसानियत शर्मसार, 50 हजार के कर्ज़ ने छीनी बचपन की मासूमियत, 6 साल बाद छुड़ाया गया।

बैतूल/छिंदवाड़ा। कर्ज की मार ने एक परिवार को ऐसा जख्म दिया जिसे कोई भी मां-बाप कभी भूल नहीं सकते। महज़ 50 हजार रुपये के लिए दंपत्ति को अपना 8 साल का बेटा ठेकेदार के पास गिरवी रखना पड़ा। मां रोती-बिलखती रही लेकिन ठेकेदार का दिल नहीं पसीजा। साल 2019 में सरिता और उसके पति ने ठेकेदार रूपेश शर्मा से कर्ज लिया था। दो साल की मेहनत के बाद जब वे पैसे लौटाने पहुंचे तो ठेकेदार ने 60 हजार रुपये ब्याज और मांगा। मजबूर दंपत्ति के पास रकम नहीं थी, लिहाजा ठेकेदार ने बेटे को अपने पास रख लिया। छह साल तक मासूम खेतों और मवेशियों के बीच मजदूरी करता रहा। मां कई बार बेटे को वापस पाने की गुहार लगाती रही, लेकिन हर बार खाली हाथ लौटी।
मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2019 में छिंदवाड़ा जिले की सरिता और उसके पति ने ठेकेदार रूपेश शर्मा से 50 हजार रुपये उधार लिए थे। दो साल की मेहनत के बाद मूलधन लौटाया, लेकिन ठेकेदार ने 60 हजार रुपये ब्याज और मांगा। मजबूरी में दंपत्ति को बेटे को उसके पास छोड़ना पड़ा। इसके बाद ठेकेदार बच्चे से खेत और पशुओं का काम करवाता रहा। करीब 6 साल तक बच्चा ठेकेदार के चंगुल में रहा। मामला सामने आने पर जन साहस संस्था ने हस्तक्षेप किया और 12 सितंबर 2025 को पुलिस व प्रशासन ने बच्चे को आज़ाद कराया। फिलहाल बच्चा बाल कल्याण समिति की देखरेख में बालगृह भेजा गया है। माता-पिता को दस्तावेज़ पेश करने के बाद ही बच्चा उन्हें सौंपा जाएगा। उधर, पुलिस ने आरोपी ठेकेदार के खिलाफ बाल श्रम कानून समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर जांच मे जुट गई है।





