कानपुर देहात में अफसरशाही की बड़ी चूक: जिंदा बुज़ुर्ग को रिकॉर्ड में ‘मृत’ दिखाया, छह महीने से पेंशन बंद

कानपुर। सरकारी रिकॉर्ड की लापरवाही ने एक बुज़ुर्ग महिला की जिंदगी मुश्किलों में डाल दी है। सरवनखेड़ा विकासखंड के तिलौंची गांव की कुंती देवी को स्थानीय ग्राम सचिव ने दस्तावेज़ों में ‘मृत’ दर्ज कर दिया, जिसके बाद उनकी वृद्धावस्था पेंशन पिछले छह महीनों से बंद है।
सरकारी रिकॉर्ड में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है, जहां सरवनखेड़ा विकासखंड के तिलौंची गांव की बुज़ुर्ग महिला कुंती देवी को दस्तावेज़ों में ‘मृत’ दर्ज कर दिया गया। इस त्रुटि के चलते उनकी वृद्धावस्था पेंशन पिछले छह महीनों से बंद है, जिससे वह आर्थिक संकट में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। कुंती देवी का कहना है कि पेंशन ही उनका एकमात्र सहारा थी, क्योंकि उनका बेटा भी गुजर चुका है। पेंशन रुकने से वे रोजमर्रा की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहीं। उन्होंने बताया कि वह पूरी तरह जीवित हैं, फिर भी रिकॉर्ड सुधारने और पेंशन बहाल कराने के लिए ग्राम सचिव, SDM, CDO, DM से लेकर तहसील दिवस तक हर जगह गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन समाधान नहीं मिला। डीएम कार्यालय पहुंचकर उन्होंने अधिकारियों से कहा— “मैं अभी जिंदा हूँ… पेंशन दे दो, कुछ दिनों में तो वैसे भी मर जाऊँगी…” उनके इस दर्दभरे बयान से मौजूद लोग भावुक हो उठे। प्रभारी खंड विकास अधिकारी विमल सचान ने बताया कि मामले की जानकारी उन्हें अब मिली है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कुंती देवी की पेंशन शीघ्र बहाल की जाएगी और दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने भी इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारियों की लापरवाही से आमजन को अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ती है। यह मामला प्रशासन के जमीनी स्तर की खामियों को उजागर करता है।




