MP में शुरू हुई डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना, युवाओं और किसानों को मिलेगा डेयरी व्यवसाय का मौका।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना की शुरुआत की है। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और युवाओं, किसानों एवं पशुपालकों को रोजगार से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
मध्यप्रदेश में अब खेती के साथ-साथ डेयरी भी आय का मजबूत जरिया बनेगी। राज्य सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू कर युवाओं और किसानों को खुद का डेयरी कारोबार खड़ा करने का मौका दिया है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, दूध उत्पादन और आत्मनिर्भरता—तीनों को एक साथ साधने का प्रयास है। योजना के तहत इच्छुक हितग्राही 25 दूधारू पशुओं की इकाई से अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। खास बात यह है कि छोटे स्तर से शुरुआत कर इसे 200 पशुओं तक भी बढ़ाया जा सकता है। इससे युवाओं को नौकरी की तलाश के बजाय खुद रोजगार देने वाला बनने का अवसर मिलेगा। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पशुपालक सिर्फ पशु न खरीदें, बल्कि आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से डेयरी चलाना सीखें। इसके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है, जिससे दूध उत्पादन बढ़े और नुकसान की संभावना कम हो। आर्थिक मदद इस योजना की सबसे बड़ी ताकत है। एससी-एसटी वर्ग को 33 प्रतिशत और अन्य वर्गों को 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। शेष राशि बैंक ऋण से मिलने पर बड़े निवेश का डर भी कम हो गया है। योजना में पारदर्शिता के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है और चयन “पहले आओ–पहले पाओ” के आधार पर किया जा रहा है। पहले से दुग्ध संघों से जुड़े पशुपालकों को प्राथमिकता मिल रही है। कामधेनु योजना सिर्फ एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि गांवों में स्थायी आय, रोजगार और सम्मानजनक जीवन की नई शुरुआत मानी जा रही है।





