सिंगरौली में सेवा पखवाड़ा और पोषण माह के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में विविध पोषण गतिविधियाँ सम्पन्न।

सिंगरौली। सुबह की पहली किरण के साथ जब सिंगरौली की आंगनबाड़ियों के दरवाज़े खुले, तो सिर्फ बच्चों की किलकारी नहीं, बल्कि पोषण जागरूकता की गूंज भी सुनाई दी।
जहां सशक्त समाज की नींव होती है – वहीं से शुरू होती है एक सकारात्मक पहल। जिले में राष्ट्रीय पोषण माह और सेवा स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत इस बार कुछ खास देखने को मिला। कलेक्टर श्री चंद्रशेखर शुक्ला के नेतृत्व में, महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिले की आंगनबाड़ियों को सिर्फ शिक्षा और सेवा केंद्र नहीं, बल्कि पोषण जागरूकता के मंदिर में बदल दिया। इस अभियान की सबसे खास पहल रही “स्नेह आशीष अभियान”, जिसके तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों और परियोजना अधिकारियों ने गर्भवती महिलाओं के घर जाकर उन्हें सुपोषित जीवनशैली की ओर प्रेरित किया। सिर्फ बातें नहीं, उन्हें संतुलित आहार युक्त थाली भी दिखाई गई, जिसमें पोषण के हर रंग मौजूद थे — दाल, हरी सब्ज़ियां, अनाज और प्यार। सिर्फ इतना ही नहीं — छोटे बच्चों के माता-पिता से संवाद कर 0-3 वर्ष की उम्र में पोषण की भूमिका को समझाया गया। आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिकाएं भी बनाई गईं — ताकि बच्चे सिर्फ किताबों से नहीं, प्रकृति से भी सीखें कि सेहत क्या होती है।