इस बार दशहरे पर नहीं जलेगा रावण, सोनम रघुवंशी समेत 11 कुख्यात पत्नियों के चेहरे वाली प्रतिमा का होगा दहन।

मध्यप्रदेश। एमपी के इंदौर जिले मे इस बार दशहरे पर रावण नहीं जलेगा। महालक्ष्मी ग्राउंड पर संस्था पौरुष ने परंपरा को बदलते हुए 11 मुखी शूर्पणखा दहन की तैयारी की है। इस पुतले पर उन 11 महिलाओं के चेहरे लगाए जाएंगे, जो पति की हत्या के मामलों में आरोपी रही हैं।
दशहरे पर जहां हर साल रावण का पुतला जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है, वहीं इस बार इंदौर में नजारा अलग होगा। महालक्ष्मी ग्राउंड पर रावण की जगह 11 मुखी शूर्पणखा का दहन होगा।
संस्था पौरुष का मानना है कि समाज की असली बुराई वे महिलाएं हैं, जो अपने पति की हत्या करती हैं। इसी संदेश के लिए शूर्पणखा के पुतले पर ऐसी 11 महिलाओं के चेहरे लगाए गए हैं। इनमें इंदौर की सोनम रघुवंशी (राजा रघुवंशी हत्याकांड की आरोपी) सहित मेरठ, दिल्ली, राजस्थान, मुंबई, जौनपुर, बेंगलुरु और अन्य शहरों की आरोपी महिलाएं शामिल हैं।
संस्था अध्यक्ष अशोक दशोरा के मुताबिक—
“रावण का अंत तो हर साल होता है, लेकिन असली सवाल यह है कि आज की बुराइयों का अंत कैसे हो। इस बार प्रतीक शूर्पणखा होगी, क्योंकि उसका चरित्र धोखे और छल का प्रतीक है।”
दहन से पहले शूर्पणखा और उसकी सेना का जुलूस निकलेगा। शाम 6:30 बजे पुतला दहन के समय राजा रघुवंशी का परिवार भी मौजूद रहेगा। परंपरा बदलने वाली यह पहल समाज में नई बहस और सोच को जन्म देने वाली साबित हो सकती है।