एक प्यार ऐसा भी:पति को बचाने नहर में कूदी पत्नी, अपने पति का हाथथाम 9 किमी तक तैरी।

फिरोजाबाद। कहते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता जन्मों-जन्मों का होता है, लेकिन कभी-कभी इस रिश्ते की गहराई ऐसी कहानियों में झलकती है, जो समाज के लिए प्रेरणा और आंखों में आंसू दोनों छोड़ जाती हैं। ऐसा ही एक मैनपुरी जिले के जवापुर गांव में दर्द भरी लेकिन साहस से भरी मामला प्रकाश मे आया है। 72 वर्षीय श्रीदेवी ने अपने पति को बचाने के लिए नहर में कूद गई और नहर में 9 किमी तक अपने पति का हाथ थामे बहती रहीं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने पति को बचाने के लिए जिस तरह साहस दिखाया, वह स्त्री शक्ति और वैवाहिक प्रेम का अद्भुत उदाहरण है
मिली जानकारी के अनुसार एक जलेसर रोड स्थित झलकारी नगर की गली नंबर-3 निवासी रामलड़ैते और श्रीदेवी के परिवार में 04 बेटे और बहुएं हैं। शुक्रवार की सुबह घर में कुछ कहासुनी हो गई। विवाद के बाद नाराज होकर रामलड़ैते घर छोड़कर निकल पड़े। उनके पीछे-पीछे उनकी 72 वर्षीय श्रीदेवी पत्नी भी घर से निकल पड़ीं। बताया जाता है कि दोनों अपने मायके छिबरामऊ (कन्नौज) जाने की तैयारी में थे। वे रेलवे स्टेशन पहुंचे लेकिन ट्रेन छूट जाने के कारण उन्होंने ऑटो से घिरोर की ओर जाने का फैसला किया घिरोर पुल पर पहुंचने के बाद रामलड़ैते ने ऑटो ड्राइवर से कहा कि वह शौच जाना चाहते हैं। श्रीदेवी भी ऑटो से उतर गईं। रामलड़ैते ने अचानक बैसाखी छोड़कर इटावा ब्रांच नहर में छलांग लगा दी। पति को बचाने की भावना में श्रीदेवी भी बिना कुछ सोचे-समझे नहर में कूद पड़ीं। तैरना न जानने के बावजूद उन्होंने अपने पति का हाथ मजबूती से पकड़ लिया। नहर का बहाव इतना तेज था कि दोनों साथ-साथ बहने लगे। श्रीदेवी ने आठ किलोमीटर तक बहते हुए भी पति का हाथ नहीं छोड़ा। जवापुर पुल के पास जब ग्रामीणों ने देखा कि नहर में दो लोग बह रहे हैं, तो तुरंत मौके पर दौड़े। श्रीदेवी जोर-जोर से चिल्ला रही थीं और मदद की गुहार लगा रही थीं। ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए दोनों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। रामलड़ैते की मौत हो चुकी थी।