बैल की जगह खुद ही हल जोतने को मजबूर है किसान दंपति।

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के लातूर ज़िले के हाडोलती गांव में आर्थिक तंगी से जूझ रहे 65 वर्षीय किसान अंबादास पवार और उनकी पत्नी ने बैल और मजदूर न मिलने पर खुद ही हल जोतने के लिए मजबूर हो गए है। इस काम में उनकी बुजुर्ग पत्नी भी मदद करती हैं।
देखे वीडियो-
लातूर ज़िले के हाडोलती गांव का एक दिल दहला देने वाला मामला प्रकाश मे आया है यहाँ आर्थिक तंगी से जूझ रहे अंबादास किसान के पास अपनी सूखी जमीन जोतने के लिए बैल या ट्रैक्टर का खर्च उठाने के भी पैसे नहीं हैं ऐसे में वह खुद ही हल जोतने को मजबूर हैं। दरअसल लातूर जिले के हाडौल्टी गांव के किसान अपनी जमीन जोतने के लिए खुद ही हल खींचते हैं। अंबादास और उनकी 60 वर्षीय पत्नी शरीर की थकावट और उम्र की सीमाओं की परवाह किए बिना कठिन परिश्रम करते हैं ताकि अपनी बहू और दो पोतों की मदद कर सकें. उनके पास खेत जोतने के लिए बैल का खर्च उठाने या किराये पर ट्रैक्टर लेने की भी सामर्थ्य नहीं है. ट्रैक्टर से खेत जोतने पर रोज का लगभग 2,500 रुपये का खर्च आता है वह कहते हैं कि इतना खर्चा करने लायक उनकी स्थिति नहीं है ऐसे में वह खुद ही हल खींचते हैं इस काम में उनकी बुजुर्ग पत्नी भी मदद करती हैं। किसान अंबादास पवार ने बताते हुए कहा कि मजदूर बैल या ट्रैक्टर से बुवाई करने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं. इसलिए पिछले दो सालों से हम अपने खेत में खुद ही हल चलाकर बुवाई करने पर मजबूर हैं।