
कांकेर। जिले के पखांजूर क्षेत्र में अंधविश्वास के कारण एक छात्र को अपना पैर गंवाना पड़ा। विष्णुपुर (पीवी-101) निवासी श्याम बैरागी पिता सुकमल बैरागी को सांप ने डस लिया था। परिजन उसे तुरंत अस्पताल ले जाने के बजाय गांव के पुजारी के पास झाड़-फूंक कराने लगे। तीन दिन तक चले इस झाड़-फूंक के कारण छात्र के शरीर में जहर तेजी से फैल गया और उसकी हालत गंभीर हो गई। स्थिति बिगड़ने पर परिजन उसे पहले चांदगांव, फिर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ले गए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरकार नागपुर एम्स ले जाने पर डॉक्टरों ने पाया कि संक्रमण किडनी तक पहुंच चुका है। जान बचाने के लिए डॉक्टरों को छात्र का एक पैर काटना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार पखांजूर क्षेत्र के विष्णुपुर (पीवी-101) गांव में अंधविश्वास ने एक छात्र की जिंदगी बर्बाद कर दी। सांप के डसने के बाद परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक कराने वाले पुजारी के पास ले गए। तीन दिन तक झाड़-फूंक चलते रहने से जहर शरीर में फैल गया और उसकी हालत गंभीर हो गई। हालत बिगड़ने पर परिजन छात्र को चांदगांव और गढ़चिरौली ले गए, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। आखिरकार नागपुर एम्स में भर्ती कराने पर डॉक्टरों ने बताया कि संक्रमण किडनी तक पहुंच चुका है। जान बचाने के लिए डॉक्टरों को मजबूरन उसका एक पैर काटना पड़ा। मामले में क्रांतिकारी विचार मंच के अध्यक्ष हरपाल सिंह ने अंधविश्वास फैलाने वाले पुजारी पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि श्याम बैरागी के साथ हुई घटना अंधविश्वास का परिणाम है। उन्होंने प्रशासन व समाज से अपील की कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि लोग झाड़-फूंक जैसे अज्ञानतापूर्ण इलाज से बचकर समय पर अस्पताल पहुंचें और अपनी जान बचा सकें।